हर आधा चाँद अधूरा नहीं होता,

अगर आसमान की गोद में टूटा नहीं होता।  

पता होता की बस्ती ऊजर जाती है,

इश्क़ के सफर में,

तो टूटते  तारे को देख मोहब्बत न माँग होता। 

पता होता की सारी रात ही अमावस्य होगी ,

तो तकिये तले ख्वाब संजोया ही ना होता ।

मेरा आधा प्यार भी अधूरा न होता ,

अगर मेरे महबूब ने हमसे मुँह फेरा न होता ।    

            - Siddhi Tiwari 

               (Inspired by Swyam Akshat)